अमृतपाल सिंह के पिता Tarsem Singh का बड़ा ऐलान, बनाएंगे नया राजनीतिक दल
पंजाब की राजनीति में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है। अमृतपाल सिंह के पिता Tarsem Singh ने ऐलान किया है कि वे जल्द ही पंजाब में एक नया राजनीतिक दल बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पार्टी का नाम जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। यह घोषणा उस समय की गई जब अमृतपाल सिंह का परिवार गोल्डन टेम्पल में मत्था टेकने पहुंचा था।
पंजाब की स्थिति पर चिंता
Tarsem Singh ने अपने बयान में कहा कि पंजाब के लोग वर्तमान में बेहद खराब हालात में जी रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी लोगों की आवाज उठाने का काम करेगी। Tarsem Singh का यह ऐलान अमृतपाल सिंह की वर्तमान स्थिति को देखते हुए महत्वपूर्ण है। अमृतपाल सिंह, जो ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया हैं, खदूर साहिब सीट से हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीते हैं।
अमृतपाल सिंह का राजनीतिक सफर
अमृतपाल सिंह ने 5 जुलाई को सांसद के रूप में शपथ ली थी। उनके पिता का यह ऐलान उनके राजनीतिक करियर को और अधिक जटिलता में डालता है। अमृतपाल सिंह का नाम उस समय चर्चा में आया जब उन्हें और उनके 9 सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में एक साल के लिए निरुद्ध किया गया। यह गिरफ्तारी मार्च 2023 में हुई थी और उनकी निरुद्धता की अवधि बढ़ाई गई है।
खदूर साहिब सीट पर जीत
अमृतपाल सिंह ने हाल ही में संपन्न आम चुनावों में खदूर साहिब सीट पर कांग्रस के कैंडिडेट कुलबीर सिंह जिरा को 1,97,120 वोटों से हराया। उनकी यह जीत पंजाब की राजनीति में उनके बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है, हालांकि, वे अब जेल में हैं।
Tarsem Singh की मांगें
Tarsem Singh ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने उनके बेटे अमृतपाल सिंह के साथ धोखा किया है और NSA लागू कर उन्हें बिना किसी ठोस वजह के जेल में रखा है। वह लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं और अपने बेटे की रिहाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने एक सिख नेता को निशाना बनाया है और यह पंजाब की राजनीति के लिए खतरा है।
नया राजनीतिक दल
Tarsem Singh का नया राजनीतिक दल बनाने का फैसला पंजाब में चल रही राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए महत्वपूर्ण है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी नई पार्टी पंजाब के लोगों के मुद्दों को उठाने में सक्षम होगी और वे राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकेंगे।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि उनकी नई पार्टी SGPC (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी) चुनावों में भी भाग लेगी। इससे यह स्पष्ट होता है कि Tarsem Singh अपने बेटे के विचारों और दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
पंजाब की राजनीति में बदलाव
पंजाब की राजनीति में Tarsem Singh की इस घोषणा से नया मोड़ आ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि Tarsem Singh अपनी नई पार्टी के माध्यम से किस प्रकार की राजनीति करेंगे और किस तरह से पंजाब के लोगों की आवाज उठाएंगे। उनके पास अनुभव और राजनीतिक दृष्टिकोण है, जो उन्हें एक प्रभावी नेता बना सकता है।
Tarsem Singh ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी पंजाब की सिख संस्कृति और मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होगी। वे पंजाब के लोगों के अधिकारों और उनकी आवाज को प्राथमिकता देने का वादा कर रहे हैं।